‘‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह’ जिसका नाम दिया गया ‘‘परवाह"

‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह’ जिसका नाम दिया गया ‘‘परवाह"  

 *सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने यातायात जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है*        

*मुख्य अतिथि पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र  बीएसएसएस काॅलेज हबीबगंज में लगभग 500 की संख्या में स्टाॅफ एवं छात्र/छात्राओं को संबोधित किया।

*आम जनता से अनुरोध है कि यातायात नियमों का पालन,कर यातायात व्यवस्था में सहयोग करें*

भोपाल संवादाता/ आज पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आयोजन 01 जनवरी 2025 से 31 जनवरी 2025 तक किया जा रहा है। जिसमें ‘परवाह’ की थीम पर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एवं वाहन चालकों को नियमों का पालन कराने के लिए यातायात जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हरिनारायणचारी मिश्र पुलिस आयुक्त नगरीय पुलिस भोपाल बीएसएसएस काॅलेज हबीबगंज पहुचे वहाॅं जाकर लगभग 500 की संख्या में स्टाॅफ एवं छात्र/छात्राओं को संबोधित किया।

अपने उद्बोधन के दौरान  हरिनारायणचारी मिश्र पुलिस आयुक्त नगरीय पुलिस भोपाल ने बताया की संसार में सबसे ज्यादा दुर्घटनाये दक्षिण एशिया के देशों में होती है। इस संबंध में यदि हम वाहनों की तुलना करे तों युरोप के देषों की वाहन दक्षिण एषिया की तुलना में अधिक है। 

लैकिन वह दुर्घटना की संख्या में काफी कमी आई है। इसका मुख्य कारण है वह देशों के चालकों द्वारा यातायात के नियमों का कढ़ाई से पालन करना। यातायात  के संचालन में तीन महत्वपुर्ण होते है 1. 1-ENGINEERING 2. EDUCATION 

3.ENFORCEMENT तीनों मिलकर किसी भी शहर/देश के यातायात का निर्माण करते है।

 आज हमारी चर्चा E मतलब Education (जागरूकता) को लेकर है। भारतवर्ष में लगभग 40 प्रतिषत दुर्घटनाए में जान गवाने वाले व्यक्ति में 18 से 35 वर्ष के नवयुवक होते है। जब ये वाहन चलाते हे तो जोश में होश खो देते है इसका उदाहरण हमारे शहर की कुछ सड़कों जैसे स्मार्ट रोड़, बोट क्लब, व्हीआईपी रोड़ पर भी दो पहिया वाहन को तेज गति से चलाते/ स्टंट करते देखा जा सकता है। तेज गति से वाहन चलाकर स्टंट करने के क्षणिक रोमांच के लिए ये नव युवक अपनी जान गवा देते है। उक्त आधार पर में कहना चाहुगा की ‘‘लम्हों ने खता की और सदियों ने सजा पायी’’ जो नवयुवक क्षणिक रोमांच के लिए दुर्घटना में अपनी जान गवा देते है। जिसका प्रभाव सबसे अधिक उनके परिवार पर होता है और वह परिवार सालों इस दुख को भुगतता है।

मेरे इस शहर  के बच्चों/पालकों से अनुरोध है कि यदि आपकों वाहन चलाने की पात्रता नहीं है तो कृपया वाहन नहीं चलाये। यह जिम्मेदारी नाबलिक बच्चों के साथ उनके पालकों की भी है। जिनके पास वाहन चलाने के पात्रता है वो वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करें। आपने देखा होगा की चैंकिंग के दौरान लोग पुलिस के डर से/ चलान से बचने के लिए हेलमेट लगाते है और अगले चैराहे पर निकाल देते है। दो-पहिया वाहन चालकों से अनुरोध है की पुलिस के डर से हेलमेट न लगाये अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट का उपयोग करें।

सभी से अनुरोध है कि सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करे जिससे आप घर पर सुरक्षित पहुच सके घर पर आपका परिवार आपका इन्तेजार कर रहा है।

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 01 जनवरी 2025 से 31 जनवरी 2025 की थीम ‘‘परवाह’’ के लिए हम स्कूल/कालेज में जा रहे है। तथा छात्र/छात्राओं को यातायात नियमों के पालन के लिए जागरूकता दी जा रही है। हम उम्मिद करते है सड़क पर वाहन चलाते, पेदल चलते एवं सड़क का उपयोग करते समय यातायात नियमों का पालन करे



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